मेटरनिख युग, जिसे प्रतिक्रिया युग के रूप में भी जाना जाता है, 1815 से 1848 तक के यूरोपीय इतिहास का एक कालखंड है। इस कालखंड में, आस्ट्रिया के चांसलर क्लेमेंस वेंज़ेल वॉन मेटरनिख ने यूरोपीय राजनीति पर एक प्रमुख प्रभाव डाला। मेटरनिख एक प्रतिक्रियावादी राजनेता था, जिसका मानना था कि फ्रांसीसी क्रांति के बाद यूरोप में फैली हुई उदारवादी और राष्ट्रवादी भावनाओं को रोकना आवश्यक था।
मेटरनिख ने वियना कांग्रेस (1815) में एक प्रमुख भूमिका निभाई, जिसने नेपोलियन युद्धों के बाद यूरोप के नए स्वरूप का निर्धारण किया। इस कांग्रेस में, मेटरनिख ने पुराने राजतंत्रों को बहाल करने और उदारवादी सुधारों को रोकने के लिए काम किया।
मेटरनिख की नीति के परिणामस्वरूप, यूरोप में एक दमनकारी वातावरण का निर्माण हुआ। इस युग में, उदारवादी और राष्ट्रवादी आंदोलन दबाए गए, और स्वतंत्र विचारों को अभिव्यक्त करना मुश्किल था।
मेटरनिख युग के अंत की शुरुआत 1848 की क्रांति से हुई। इस क्रांति में, यूरोप के कई देशों में उदारवादी और राष्ट्रवादी आंदोलन सक्रिय हो गए। मेटरनिख की नीतियां असफल साबित हुईं, और वह 1848 में पद से हट गया।
मेटरनिख युग के प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
यूरोप में पुराने राजतंत्रों का पुनर्स्थापन
उदारवादी और राष्ट्रवादी आंदोलनों का दमन
एक दमनकारी वातावरण का निर्माण
1848 की क्रांति के साथ युग का अंत
मेटरनिख युग यूरोपीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण कालखंड है। इस युग ने यूरोप के राजनीतिक और सामाजिक विकास को प्रभावित किया।
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